Yug Purush

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8TH SEMESTER ! भाग-29 ( आकर्षण & प्रतिकर्षण )

"अरमान...."मैने अपना नाम बताया और मेरे इस नाम का बहुत ज़्यादा असर गौतम पर हुआ उसने तुरंत मेरे गिरेबान से अपना हाथ हटा लिया....

"सिदार के दम पे उचक रहा है तू, अगले साल क्या करेगा जब वो यहाँ से चला जाएगा तो ..."

................

"मैं इस एक साल मे ही तुम लोगो की इतनी मार लूँगा कि अगले साल की ज़रूरत ही नही पड़ेगी..."मुस्कुराते हुए मै बोला

"अबे अरमान, देख क्या रहा है... मार साले को..." अबकी bhu जोशिया गया

"तू चुप बे फट्टू, , वरना एक हाथ मारूँगा तो यही से नीचे गिर जाएगा.... वरना एक और झापड़ मारूंगा तो मूत देगा यही पे..."

"चल छोड़ ,मुझे क्लास अटेंड करनी है"कहते हुए मैने गौतम को दूर धकेला और क्लास मे जाने लगा... की तभी गौतम की आवाज़ मेरे कानो मे पड़ी....

"यदि इतना ही दम है तो आज रिसेस के टाइम पर कैंटीन  मे मिलना...."

"सॉरी, टाइम नही है..." पीछे मुड़े बिना ही मैने कहा और क्लास के अंदर घुस गया,...

जिनसे मेरी  थोड़ी बहुत भी  पहचान थी वो सभी अपने क्लास से बाहर निकल आए थे... लेकिन जो मेरा सबसे खास दोस्त था, जो मेरा रूम मेट होने के साथ साथ मेरा क्लासमेट, मेरा बेंच मेट था वही बस क्लास से बाहर नही आया था और इसका पता मुझे तब लगा जब मैने क्लास मे घुसते ही अरुण को असाइनमेंट लिखते हुए देखा,....

"क्या लिख रहा है..."मैं नॉर्मल होता हुआ बोला, जबकि सच तो ये था कि मैं उस वक़्त बहुत ही गुस्से मे था.....अरुण को तो ये तक नही मालूम था कि कुछ देर पहले मेरी लड़ाई एश के बाय्फ्रेंड से हो रही थी....

"कहाँ था तू...."असाइनमेंट छापते हुए उसने पूछा

"बाहर गया था , क्यूँ "

"अभी कुछ देर पहले आता तो मस्त नज़ारा दिखाता तुझे, बाहर दो लौन्डो की लड़ाई हो रही थी..."

"किन दो लौन्डो को..."

"मालूम नही, मैं तो असाइनमेंट लिख रहा था...."

उसके अगले ही पल मैने अरुण को एक मुक्का जड़कर कहा

"साले बाहर मैं एक सीनियर से लड़ रहा था और तू यहाँ बैठकर पढ़ाई कर रहा है....."

"तेरी लड़ाई "वो चौक गया "नाम बता साले का ,क्लास मे घुस कर मारेंगे..."

"गौतम, मैकेनिकल  सेकेंड ईयर ....एश का बाय्फ्रेंड..."गौतम का नाम सुनकर अरुण के तेवर कम हो गये और वो  फिर से असाइनमेंट लिखने लगा,

"फॅट गयी ना, उसका नाम सुनकर..."उसको शांत होता देख मैने पूछा

"मैं किसी से नही डरता..."

"तो चल ना, चल क्लास मे घुसकर मारते है उसे...."

"कभी और..."

"साला नौटंकी...."बैग  खोलते हुए मैने अरुण से पुछा"वैसे, आज फर्स्ट क्लास किसकी है..."

"दीपिका मैम  की "


दीपिका मैम  का नाम सुनते ही एक बार फिर से मूड ऑफ हो गया क्यूंकी आज असाइनमेंट चेक करना था और असाइनमेंट करना तो दूर मैने अभी तक कॉपी ही नही खरीदी थी, उपर से लास्ट असाइनमेंट भी इनकंप्लीट था,...जैसे जैसे समय बीतता गया बाहर खड़े सभी स्टूडेंट अंदर आने लगे, मेरी नज़र एक बार फिर सबकी तरफ थी, मैं चाहता था कि इस बार कोई तो ऐसा हो जो असाइनमेंट ना करने वालो की लिस्ट मे अपना नाम लिखवाए,लेकिन उस दिन भी मैं अकेला ही था.. साले सब पढ़ाकू की औलाद थे....

"अरमान, ..."

"एस मैम " खड़े होकर मैने अपना सर झुका लिया....

"तुम्हारे दो असाइनमेंट थे, याद है ना..."

"यस मैम "सर झुकाकर ही मैने जवाब दिया...

"गुड...लाओ,चेक कर देती हूँ..."

"असाइनमेंट तो मैने नही किया , सॉरी मैम , अगली बार तीनो असाइनमेंट एक साथ चेक करा दूँगा...."मैने सोचा कि इस एक्सक्यूस से शायद कोई बात बन जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नही हुआ, दीपिका मैम  बिल्ली की तरह मुझे घूरती रही और फिर मेरा रोल नंबर नोट करके ,मुझे प्रैक्टिकल  मे कम नंबर देने की धमकी देकर  बैठा दिया.....

"लोल लोल लोल लोल लोल ..."अरुण खीस निपोर्ते हुए बोला

"ये क्या है बे लोलोलोलोलो...."

"कुछ नही, तू इसे एक बार हवेली मे ले के आजा कसम से साल भर का असाइनमेंट एक बार मे मै इसे दे दूँगा, साली के क्या क्या रैपचिक माल है , यदि ये मुझसे पट जाए तो कसम से मैं अपनी इंजीनियरिंग  छोड़ दूं.... ख़ुशी के मारे ."

"तेरा इनस्पेक्टर बाप तुझे जेल  मे डाल देगा ,यदि तूने इंजीनियरिंग  छोड़ी तो...."

"अरुण एंड अरमान...."

"जी...जी मैम "अपना - अपना नाम सुनते ही हम दोनो बौखला गये, एक दूसरे से बात करने मे हम दिनों ऐसे लीन हो गए थे की ध्यान ही ना रहा की अभी क्लास चल रही है.. लेकिन अपुन बहुत स्मार्ट है.. अपना नाम सुनते ही  सामने खुली कॉपी को पढ़ने का नाटक करने लगा....

"गेट आउट...."दीपिका मैम ने आगे कहा

"क्या मैम ...."

"गेट लॉस्ट....अब सुनाई दिया...."

"येस मैम  "
.

"सब साले  तेरी ग़लती है, ना तू उसको और उसकी लेने की बात करता , ना मैं हंसता और ना ही वो हमे बाहर निकालती...."क्लास से बाहर निकलते ही मैं अरुण पर बरस पड़ा....

"घंटा मेरी ग़लती है, तू ही मुँह फाड़ कर हराक्षसों जैसे हंस रहा था.. हंसना भी एक आर्ट है... ."

अरुण अपनी ग़लती मानने से तो रहा उपर से जब हमे बाहर कर दिया गया तो वो अपनी हथेलिया रगड़ते हुए मुझसे दीपिका मैम  के बारे मे पुछने लगा कि उस दिन कंप्यूटर लैब  मे क्या हुआ था, मैने कहाँ कहाँ टच किया था....वो सिसकारिया ले रही थी या नही....etc. Etc.


"साली,  ब्लूफिल्म दिखा कर जोश दिखा रही थी मुझे...."

"आगे बता... मजा आ रहा सुनने मे "

"आगे क्या बताऊ, शुरू मे मेरा मन नही था, लेकिन फिर वो हार्डकोर वीडियो देख ममै भी उत्तेजित  हो गया और मैने उसकी छातियों को धर दबोच ..."

"आगे बता,... आगे बता... मजा आ रहा है "

"फिर थोड़ा सा... थोड़ा सा... हल्का सा......."

"बोलना.. बोलना  भाई... जल्दी से थोड़ा सा.. क्या ???..."

"फिर वो बोली बोली कि अब जाओ... वरना अटेम्पट तो रेप का केस कर दूंगी..."उदास होते हुए मैने जवाब दिया

"एक बात समझ मे नही आई..."अपने दिमाग़ पर ज़ोर डालते हुए अरुण बोला"जब तेरे और उसके बीच मे इतना सब कुछ हो चुका है, फिर वो असाइनमेंट के लिए तुझे हर दिन क्यों झाड़ती  है और आज क्लास से बाहर निकाल दिया, वो अलग "

"धीरे बोल,..."

"तू कहीं मुझे पाण्डु  तो नही बना रहा....अरमान "

"नही यार.. तू तो जानता ही है की मै झूठ नही बोलता...  जो सच था वो बता दिया...."

वहाँ क्लास के बाहर हम दोनों के बीच  और भी कई अश्लील, अशभ्य बाते हुई और बहुत देर तक हुई....और जब पीरियड ख़तम हुआ तो दीपिका मैम  बाहर आकर हम दोनो के पास खड़ी हो गयी और हम दोनो का रोल नंबर. नोट कर के बोली....


"आज तो छोड़ दे रही हूँ, लेकिन अगली बार से ध्यान रखना...."ये उसने अरुण की तरफ देखकर कहा और फिर मेरी तरफ देख कर वो बोली"और तुम, रिसेस मे आकर कंप्यूटर लैब  मे मिलो.... 5 असाइनमेंट और करके लाने है तुम्हे पनिशमेंट के तौर पर ...."

"ज...जी मैम ..."

इतना कहकर दीपिका मैम  वहा से मटकते और मटकाते हुए चल दी......नेक्स्ट क्लास hod की थी, पर hod सर सब्जेक्ट रिलेटेड पढ़ाने की बजाय आज दुनिया दारी की बाते करने के मूड मे थे, पहले उन्होने इंडिया और दूसरे देशो की तुलना की और फिर उनके सब्जेक्ट की स्टडी कैसे करना है, ये बताने लगे और आख़िरी मे प्लेसमेंट के टॉपिक पर आ धमके  और बोले कि इंजीनियरिंग  के चार साल कैसे निकल जाएँगे मालूम नही चलेगा, इसलिए अभी से पढ़ाई करना शुरू कर दो, ताकि फ्यूचर मे जॉब के लिए भटकना ना पड़े....

उन्होने ये भी कहा कि आजकल इंजीनियर  इतने ज़्यादा हो गये हैं कि यदि पत्थर उठा के सड़क पर मारोगे तो वो कुत्ते को नही बल्कि  एक इंजीनियर  को लगेगा....साले ने बेज़्जती कर के रख दी, उनके क्लास से जो एक बात ध्यान मे आई वो ये थी कि मैने अभी तक एक भी सब्जेक्ट का बुक खोलकर नही देखा था, ऐसे मे मैं टॉप कैसे मारूँगा.....??? इसलिए हॉस्टल जाकर अपुन आज हीच से पढ़ाई स्टार्ट करूँगा......


"पढ़ना पड़ेगा यार.... अरुण.. वरना नौकरी लगना तो दूर की बात, पास तक नही हो पाएंगे " hod सर का भाषण अब भी जारी था, " मै क्या बोलता हूँ... चल कल सुबह 4 बजे से उठ कर स्टडी करेंगे..."

"चल बे...  4 बजे तो मेरे सोने का टाइम है...."

"सीधे बोल ना कि दम नही है..."

"बाद मे बात करना ,अभी कहीं दीपिका मैम  की तरह ये भी हमे बाहर ना कर दे...."इतना कहकर अरुण चुप हो गया और बड़े ध्यान से hod सर  का लेक्चर सुनने लगा.....
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कुछ लोग जिन्होने गौतम से मेरी लड़ाई देखी थी ,वो यही सोच रहे थे कि मैं आज रिसेस मे कैंटीन  जाउन्गा, लेकिन मेरा ऐसा बिल्कुल भी मूड नही था और वैसे भी दीपिका मैम  ने मुझे लंच मे  बुलाया था,...पहले दिन तो मैं डर भी रहा था और थोड़ी सी झिझक भी थी, लेकिन फिर मेरे अंदर बैठे मर्द ने कहा कि जब वो लड़की होकर ऐसी हरकते कर रही है तो तू क्या डर रहा है, मार दे साली की......

"मे आइ कम इन...मैम ."अंदर आने के लिए मैने पर्मिशन माँगी....

"ओह अरमान....कम इन, कम इन....मैं तो तुम्हारा ही इंतज़ार कर रही थी...."

"साली कितनी जल्दी रूप  बदलती है, नागिन  कही की...."

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6 Comments

Barsha🖤👑

26-Nov-2021 05:32 PM

बहुत ही खूबसूरत।

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Kaushalya Rani

25-Nov-2021 09:20 PM

Wow great

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Kaushalya Rani

25-Nov-2021 09:20 PM

Very nice

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